खुशवंत सिंह
चार बरस की उम्र से लेकर देश को आजादी मिलने के कुछ साल बाद तक शिमला छुट्टियां बिताने के लिए मेरी सबसे पसंदीदा जगह थी। मेरे पिता और मेरे चाचा उज्जल सिंह ने दो परिवारों के रहने के लिए शिमला में एक घर किराए पर ले रखा था, लेकिन मैं इस शहर के कई अलग-अलग हिस्सों में रह चुका हूं।
वहां मेरा सबसे पहला बसेरा छोटा शिमला में था। उसके बाद जब मेरे चाचा पंजाब के विधायक बन गए तो मैंने दो गर्मियां एमएलए क्वार्टर में बिताईं। फिर हम पहाड़ियों के ऊपर सैरगाह की तरफ रहने चले गए। वहां रहने वाले कांग्रेस पार्टी के विधायक के दो पोते (एक चार साल का और दूसरा पांच साल का) हमें देखकर फिकरे कसने लगते थे। इसके बाद मेरे पिता ने मशोबरा के समीप एक शानदार हवेली खरीद ली, जिसका नाम था एप्पल ट्री हाउस।
उन्होंने यह हवेली एक अंग्रेज से ली थी, जो 1947 के बाद अपने देश लौट गया था। हमने इसका नाम बदलकर सुंदरबन कर दिया। हवेली के बगीचे में सेब और चेरी के ढेरों दरख्त थे। इसके अलावा वहां सेब से शराब बनाने का एक छोटा सा कारखाना, बियर ठंडी करने के लिए बर्फ का एक खंदक, एक बिलियर्ड रूम, बड़े से पियानो वाला एक डांस हॉल और एक टेनिस कोर्ट भी था। मेरे लिए शिमला की सबसे खुशगवार यादें सुंदरबन में बिताए दिनों की ही हैं।
जब वादियां धूप से धुली होतीं तो सुंदरबन के झरोखे से बर्फ से लदे पहाड़ों का खूबसूरत नजारा दिखाई देता था। नीचे छोटी-छोटी नदियों की धाराएं बहा करती थीं। गांवों की किशोरियां घास काटते समय कोई गीत गुनगुनाया करतीं। मैं अपनी शामें सैरगाह में बिताया करता था। मेरी सैरगाह की सरहद वेंगर्स रेस्टॉरेंट से शुरू होती। इसके बाद डेविकोज होता हुआ मैं स्कैंडल पॉइंट चला जाता और वहां खूब वक्त बिताता। मैं सुंदर-सलोनी महिलाओं और शहर के नामी-गिरामी लोगों को रिक्शे में बैठकर यहां से गुजरते देखता।
रिक्शा खींचने वाले लोग वर्दी में होते थे। मेरी पत्नी का भी कसौली में एक पुश्तैनी बंगला था। लेकिन एक बार मशोबरा से जाने के बाद मैं फिर कभी वहां लौटकर नहीं जा सका। ये तमाम खुशगवार यादें मेरे जेहन में तब ताजा हो गईं, जब मैंने मीनाक्षी चौधरी की किताब लव स्टोरीज ऑफ शिमला हिल्स (रूपा से प्रकाशित) पढ़ी। इससे पहले मीनाक्षी ने शिमला के भूतों और वहां के पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में लिखा था। उनकी ताजा किताब अव्यक्त प्रेम संबंधों के बारे में है। शिमला की प्रेम कहानियों पर मीनाक्षी की यह किताब इतनी सुंदर है कि उसे पढ़ते हुए हमें उनसे प्यार हो जाता है।
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2 हफ़्ते पहले