बुधवार, 8 दिसंबर 2010

कत्ल होते बेजुबान, तमाशबीन हम

ये सिर्फ तस्वीरें नही हैं बल्कि  हमारे समय का भयानक सच है। और कुछ सयाने लोग इन तस्वीरों को सरवाइवल ऑफ फिटेस्ट का उदाहरण कहकर भी परिभाषित कर सकते हैं। लेकिन हकीकत के एक चेहरे से कुछ यूं रूबरू होइए.......
ये वाक्या है एक हिरन की मौत का..जिसे पहले तो कुत्तों ने दौड़ा दौड़ा कर मौत के करीब पहुंचा दिया उसके बाद जब उसे बचाने के लिए जंगल और जानवरों के रहनुमाओं से कहा गया तो वो अपनी रेंज का रोना रहते रहे..ये सबकुछ हुआ विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास बसे गांव टेड़ा में।
मामले की जानकरी जब वन्यजीव प्रेमी और वाइल्ड रेंजर्स - कॉर्बेट के नीरज उपाध्याय को मिली तो वो फौरन मौके पर पहुंचे और घायल हिरन को देखा.उस वक्त तक हिरन जीवित था लेकिन हालत बेहद नाजुक .वाइल्ड रेंजर्स ने तुंरत ही वन विभाग के उच्च अधिकारियों को दी.लेकिन फौरी कार्यवाही के बदले अधिकारी दूसरे विभाग और दूसरे का क्षेत्र होने की बात कहकर टालते रहे.इस बीच अंधेरा गहराने लगा और डूबते सूरज के साथ ही हिरन की सांसे भी थम गई। (जैसा कि मौके पर मौजूद नीरज उपाध्याय ने बताया-देखा )

                                       



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