सोमवार, 27 सितंबर 2010

हिमालय की ऊँचाइयों पर बाघ का वजूद

बीबीसी की नेचुरल हिस्ट्री टीम ने हिमालय की ऊँचाइयों में एक प्राकृतिक ख़ज़ाना ढूँढा है जोकि आमतौर पर जंगलों में ही पाया जाता है...

बीबीसी की नेचुरल हिस्ट्री यूनिट का दावा है कि उन्होंने अपने कैमरों में हिमालय की ऊंचाई में रहने वाले बाघ की तस्वीरें कैद की हैं। यह इस बात का पहला प्रमाण है कि बाघ 12000 फीट की ऊंचाई पर रह सकते हैं और अपना परिवार भी बढ़ा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बात इस खत्म हो रहे जीव को बचाने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है और यह इलाका वाइल्ड कॉरिडोर के तौर पर विकसित किया जा सकता है।
दरअसल बीबीसी की नेचुरल हिस्ट्री यूनिट ने भूटान के पहाड़ों में दर्जनों कैमरा ट्रैप लगाकर महीनों इंतजार किया। उन्होंने 4000 मीटर (तकरीबन 12000 फीट) ऊंचाई पर रहने वाले नर और मादा बाघ की विडियो रिकॉर्डिंग की है। पहले यह माना जाता था कि जंगल में रहने वाले किसी जीव के लिए इतनी ऊंचाई पर रहना नामुमकिन है। हालांकि इससे पहले भी बंगाल टाइगर को इतनी ऊंचाई पर कैमरों में कैद किया गया है लेकिन बीबीसी की नेचुरल हिस्ट्री यूनिट का दावा है कि यह वो पहला सबूत है जिससे पता चलता है कि इतनी ऊंचाई पर भी बाघ न केवल रह सकते हैं बल्कि प्रजनन भी कर सकते हैं।

दूध पिलाती दिखी बाघिन
वीडियो में एक बाघिन अपने शावक को दूध पिलाती हुई दिखाई दे रही है। वहीं अन्य क्लिप में बाघ अपने इलाके का निर्धारण करता हुआ दिखाई दे रहा है जो दर्शाता है कि बाघ केवल उस इलाके से गुजर ही नहीं रहा है बल्कि वहीं रहता भी है। बकौल वाइल्डलाइफ कैमरामैन गॉर्डन बुकानन, यह बाघ के संरक्षण की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण खोज है।

इस खोजी टीम में पर्वतारोही स्टीव बैकशेल के अलावा टाइगर कंजर्वेशनिस्ट एलन रबिनोविट्ज ने स्थानीय ग्रामीणों की उस सूचना पर गौर कर काम शुरू किया जिसमें कहा गया था कि इस इलाके में बाघ देखे गए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: