बुधवार, 23 सितंबर 2009

माउंट एवरेस्ट की शिला सुनाएगी अपने दर्द की दास्तान

हिमालय के दर्द कॊ दुनिया के सामने रखने का नायाब और निराला तरीका ढूंढा है नेपाल के प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने।

अमेरिका की यात्रा पर जा रहे नेपाल अपने साथ दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चॊटी माउंट एवरेस्ट की एक शिला ले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय के पर्यावरण और परिस्थितिकी पर पड रहे असर पर दुनिया का ध्यान खींचने के लिए इस शिला कॊ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा कॊ भेंट करेंगे,जॊ हिमालय पर जलवायु परिवर्तन की मौन कथा कह रहा हॊगा। इस शिला को एक शेरपा 20035 फुट ऊंची माउंट एवरेस्ट से लाया है। शिला लाने वाला शेरपा मई में १९वीं बार माउंट एवरेस्ट पर चढाई करके विश्व रिकार्ड बना चुका है।

दरअसल यह शिला पत्थर का एक टुकड़ा भर नहीं हैं बल्कि पहाड़ की बेचैनी उसकी पीड़ा का खामोश गवाह भी है। मानवीय कारगुजारियों और प्रदूषण के आतंक ने हिमालय की ऊंची और विराट चोटियों को किस तरह दरहम-बरहम कर दिया है यह शिला इसका प्रतीक भी है। अमरीका में इस शिला के होने का मतलब यह भी होगा कि
दुनिया वालों अब तो चेतो और प्रदूषण से कराह रहे हिमालय की पुकार सुनो क्योंकि जब हिमालय ही नहीं होगा तो तुम्हारी रंगीन दुनिया भी कहां होगी। क्यों, ठीक है न।

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