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मसूरी शहर से कोई छह किमी पश्चिम की ओर लगभग आठ हजार फीट ऊंचाई पर एक स्थल है- पार्क स्टेट। निहायत शांत निर्जन। एक ऊंचे टीले पर खंडहर हो चुकी पुरानी इमारत दृष्टिगोचर होती है। इसी ऐतिहासिक स्थल है पर सर जार्ज एवरेस्ट ने डेरा डाला और हीं गहन शोध कर उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे हिमशिखर का पता लगाया था।
जार्ज एवरेस्ट ब्रिटिश आर्टलरी सेना में अधिकारी थे। सन् १८०३ से लेकर १८४३ तक वे भारत में सर्वेयर जनरल के पद में रहे। भारत में सबसे पहले आधुनिक भू-गणितीय सर्वेक्षण की नींव रखने का श्रेय उन्हें ही जाता है। वे असाधारण प्रतिभा के अन्वेषी सर्वेक्षक थे।
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ब्रिटिश सरकार ने उनके भारत में किए जा रहे सर्वेक्षण कार्यो से प्रसन्न होकर उन्हें भारत का सर्वप्रथम सर्वेयर जनरल नियुक्त किया। इसी दौरान उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी की खोज करके विश्व भर में तहलका मचा दिया। उन्हीं के नाम से उस शिखर का नाम पड़ गया। १८४३ में वे अपने पद से सेवानिवृत्त होकर अपने देश इंगलैंड चले गये। सन् १८६ ६ में उनकी मृत्यु हो गई। उनके किए गये अथक कार्य अमिट इतिहास बनकर अमर हो गये।
1 टिप्पणी:
जैसा कि अक्सर होता आया है, भारतीय वैज्ञानिकों को कभी उचित सम्माण नहीं मिला, मसलन रेडियो की खोज सर जगदीश चन्द्र बोस ने की; नाम मिला मार्कोनी को।
ठीक ऐसा ही इस मामले में है, एवरेस्ट की खोज राधानाथ शिखर नाम के भारतीय ने की थी पर उनका नाम नहीं हुआ।
बहुत ही दुखद: है।
मैं कोशिश करूंगा कि इस पर एक विस्तृत आलेख जल्द ही अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करूं।
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